" माँ , आप मंदिर क्यों जाते हो ? "
" भगवान के दर्शन करने। मन शांत होता है। तुम सब के लिए दुआ मांगने भी जाती हूँ। "
" फिर आपने ,घर में जो अलमारी में मंदिर बना रखा है , उसमें पूजा क्यों करते हो ? क्यों हाथ जोड़ कर दुआ मांगते हो ? यह तो हम घर में भी तो कर सकते हैं !"
" और सुनो माँ !! कहाँ जा रही हो ? मेरी बात तो पूरी सुनो ! "
" जब भगवान सभी जगह मौजूद है तो फिर मंदिर जाने की क्या जरूरत है ? "
" देखो बेटा ! यह सही है कि भगवान सभी जगह मौजूद है। लेकिन मंदिर जाने का मतलब है कि हम इंसान अपने घर से निकल कर या कहूँ तो अपने अहंकार से निकल कर उस सर्वशक्तिमान के आगे सर झुकाना है। "
" भगवान के दर्शन करने। मन शांत होता है। तुम सब के लिए दुआ मांगने भी जाती हूँ। "
" फिर आपने ,घर में जो अलमारी में मंदिर बना रखा है , उसमें पूजा क्यों करते हो ? क्यों हाथ जोड़ कर दुआ मांगते हो ? यह तो हम घर में भी तो कर सकते हैं !"
" और सुनो माँ !! कहाँ जा रही हो ? मेरी बात तो पूरी सुनो ! "
" जब भगवान सभी जगह मौजूद है तो फिर मंदिर जाने की क्या जरूरत है ? "
" देखो बेटा ! यह सही है कि भगवान सभी जगह मौजूद है। लेकिन मंदिर जाने का मतलब है कि हम इंसान अपने घर से निकल कर या कहूँ तो अपने अहंकार से निकल कर उस सर्वशक्तिमान के आगे सर झुकाना है। "
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंमेरे द्वारा क्लिक कुछ फोटोज् देखिये
वाह , मंगलकामनाएं आपको !
जवाब देंहटाएंStart self publishing with leading digital publishing company and start selling more copies
जवाब देंहटाएंpublish ebook with ISBN, send manuscript