"क्या हमेशा लड़के गलत ही होते हैं.. ! "
कल मैं सोच में पड़ गयी जब मेरे बेटे और भान्जे ने स्कूल से भुनभुनाते हुए एक घटना बतलाई।
वे दोनों १७ वर्षीय हैं। मेरा बेटा प्रद्युमन ग्यारहवीं में और भांजा केशांत बारहवीं में पढ़ता है। एक साथ स्कूल जाते हैं और साथ ही आते हैं। हर रोज 12 बजे तक आ जाते हैं। कल 1 बजने को आया तो मैंने फोन किया कि वे दोनों कहाँ रह गए। बेटे ने कहा कि कार में किसी ने स्कूटी लगा दी तो कार की नम्बर प्लेट ठीक करवा रहे हैं। मेरा दिल ही डूब गया कि जरुर कार तेज़ चला रहे होंगे और किसी को चोटिल भी किया होगा। मैंने गुस्से में बोला कि आज तुम लोग एक बार घर तो आओ।
करीब आधे घंटे बाद घर आये तो मेरा चेहरा देख कर बोले कि एक बार हमारी बात सुनो। फिर बताना आप कि हमारी कोई गलती थी भी या नहीं।
केशांत बोला ," मौसी , प्रद्युमन कार चला रहा था। स्कूल से निकले तब कार मोड़ने लगे। सामने से एक लड़की गलत साइड से आ रही थी। मैंने इशारा किया कि रुके। लेकिन उसने तो सोचा की लड़के हैं , छेड़ रहे होंगे। या अपना etitude दिखा रही थी। सीधा कार में ला कर ठोक दिया। "
" हुंह ! ये लड़कियां क्या समझती है अपने आपको। हुर्र्र हुर्र भाड़ , लो जी कार में ठोक दिया। "प्रधुमन ने मुहं बना कर कहा तो मुझे हंसी आये बिना ना रही।
फिर मैंने धीरे से कहा कि उस लड़की के चोट तो नहीं लगी कहीं। वो बोले की नहीं वह खड़ी हुई और उठ कर चली गई। मैंने उनका नैतिक फ़र्ज़ बताते हुए कहा कि तुम लोगों को उसको उठाना चाहिए था।
" लेकिन हमारी कोई गलती नहीं थी। "दोनों एक साथ बोले।
कल मैं सोच में पड़ गयी जब मेरे बेटे और भान्जे ने स्कूल से भुनभुनाते हुए एक घटना बतलाई।
वे दोनों १७ वर्षीय हैं। मेरा बेटा प्रद्युमन ग्यारहवीं में और भांजा केशांत बारहवीं में पढ़ता है। एक साथ स्कूल जाते हैं और साथ ही आते हैं। हर रोज 12 बजे तक आ जाते हैं। कल 1 बजने को आया तो मैंने फोन किया कि वे दोनों कहाँ रह गए। बेटे ने कहा कि कार में किसी ने स्कूटी लगा दी तो कार की नम्बर प्लेट ठीक करवा रहे हैं। मेरा दिल ही डूब गया कि जरुर कार तेज़ चला रहे होंगे और किसी को चोटिल भी किया होगा। मैंने गुस्से में बोला कि आज तुम लोग एक बार घर तो आओ।
केशांत बोला ," मौसी , प्रद्युमन कार चला रहा था। स्कूल से निकले तब कार मोड़ने लगे। सामने से एक लड़की गलत साइड से आ रही थी। मैंने इशारा किया कि रुके। लेकिन उसने तो सोचा की लड़के हैं , छेड़ रहे होंगे। या अपना etitude दिखा रही थी। सीधा कार में ला कर ठोक दिया। "
" हुंह ! ये लड़कियां क्या समझती है अपने आपको। हुर्र्र हुर्र भाड़ , लो जी कार में ठोक दिया। "प्रधुमन ने मुहं बना कर कहा तो मुझे हंसी आये बिना ना रही।
फिर मैंने धीरे से कहा कि उस लड़की के चोट तो नहीं लगी कहीं। वो बोले की नहीं वह खड़ी हुई और उठ कर चली गई। मैंने उनका नैतिक फ़र्ज़ बताते हुए कहा कि तुम लोगों को उसको उठाना चाहिए था।
" लेकिन हमारी कोई गलती नहीं थी। "दोनों एक साथ बोले।
नही हर बार लड़के गलत नही होते ........ मेरा बीटा भी कई बार किस्से सुनाता हैं इसी तरह के .और कई बार जब मैं ओवर रियेक्ट करती हूँ तो कहता हैं कि माँ एक बार पहले सुन तो लो ....आजकल की लडकिया किसी मायने में कम नही हैं .. अभी उस दिन हम रेड लाइट पर खड़े थे तो एक लड़की ने रेड लाइट पार कर दी तो एक लड़के ने उसको टोक दिया तो लड़की एक दम से बोली क्यों सड़क तेरे बाप की हैं !! हम उसको देखते रहे और वोह यह जा और वोह जा .................सही तो कहा बच्चो ने .......... पर एक बात बताओ तुम उनको कार क्यों ले जाने देती हो स्कूल एक्टिवा या बाइक दो
जवाब देंहटाएंनीलिमा जी , प्रद्युमन को धूल से एलर्जी है .इस लिए कार ले कर जाता है ..
हटाएंगलतियां तो दोनों करते ,,,है !
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: हमने कितना प्यार किया था.
आजकल लड़कियां ज्यादा फायदा उठाने लगी हैं ,अपने लड़की होने का ,निर्दोष होते हुए भी लड़के ही दोषी मान लिए जाते हैं
जवाब देंहटाएंupasanaji,
जवाब देंहटाएंaap ke bete kaa kahana thIka hai.mai bhi usa kee baata kaa smathan karati hu.
Vinnie.
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Vinnie