कभी नानी सुनाती थी
कहानी
एक था राजा ,
एक थी रानी।
कभी -कभी
लम्बी रातों की भांति ही ,
होती थी
बहुत लम्बी होती थी
कहानी।
कहानी
बहादुर राजकुमार की
और
राक्षस की कैद में बंद
राजकुमारी की।
सुना करते थे
उठा ले गया राक्षस
राजकुमारी को
एक आस -एक विश्वास होता था
नानी की बातों से ,
बच्चों के मन में
कि
बहादुर राजकुमार है न !
राजकुमारी बचा ली जाएगी ,
राक्षस मारा जायेगा।
आने वाली पीढ़ी की नानी
क्या सुनाएगी कहानी
राजा -रानी तो अब भी हैं ,
और
राजकुमारियाँ भी हैं !
वे अब भी
राक्षसों की कैद में होती है ,
लेकिन
वो बहादुर राजकुमार
ना जाने कहाँ गुम
हो गए हैं।
राक्षस अब मारे नहीं जाते
फिरते हैं अट्टहास करते
नानी चुप ही रहेगी तब
शायद
बच्चों को दिला न पायेगी वह
विश्वास
राजकुमारी के बच जाने का !
अब नानी क्या सुना पाएगी कहानी !
( उपासना सियाग)
बहुत ही उम्दा रचना की प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआज सही में नानी नहीं सुना पायेगी कहानी। सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआज सही में नानी नहीं सुना पायेगी कहानी। सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआज सही में नानी नहीं सुना पायेगी कहानी। सुन्दर प्रस्तुति...
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