बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

क्या हमेशा लड़के गलत ही होते हैं....

"क्या हमेशा लड़के गलत ही होते हैं.. ! "
 कल मैं सोच में पड़  गयी जब मेरे बेटे और भान्जे ने स्कूल से भुनभुनाते हुए एक घटना बतलाई।
     वे दोनों १७ वर्षीय हैं। मेरा बेटा प्रद्युमन ग्यारहवीं में और भांजा केशांत बारहवीं में पढ़ता है। एक साथ स्कूल जाते  हैं और साथ ही आते हैं। हर रोज 12 बजे तक आ जाते हैं। कल 1 बजने को आया तो मैंने फोन किया कि वे दोनों कहाँ रह गए।  बेटे ने कहा कि कार में किसी ने स्कूटी लगा दी तो कार की नम्बर प्लेट ठीक करवा रहे हैं। मेरा दिल ही  डूब गया कि जरुर कार तेज़ चला रहे होंगे और किसी को चोटिल भी किया होगा।  मैंने गुस्से में बोला कि आज तुम लोग एक बार घर तो आओ।


   करीब आधे घंटे बाद घर आये तो मेरा चेहरा देख कर बोले कि एक बार हमारी बात सुनो। फिर बताना आप कि हमारी कोई गलती थी भी या नहीं।
केशांत बोला ," मौसी , प्रद्युमन कार चला रहा था। स्कूल से निकले तब कार मोड़ने लगे। सामने से एक लड़की गलत साइड से आ रही थी। मैंने इशारा किया कि रुके। लेकिन उसने तो सोचा की लड़के हैं , छेड़ रहे होंगे। या अपना etitude दिखा रही थी। सीधा कार में ला कर ठोक दिया। "
 " हुंह ! ये लड़कियां क्या समझती है अपने आपको। हुर्र्र हुर्र भाड़ , लो जी कार में ठोक दिया। "प्रधुमन ने मुहं बना कर कहा तो मुझे हंसी आये बिना ना रही।
   फिर मैंने धीरे से कहा कि उस लड़की के चोट तो नहीं लगी कहीं। वो बोले की नहीं वह खड़ी हुई और उठ कर चली गई।  मैंने उनका नैतिक फ़र्ज़ बताते हुए कहा कि तुम लोगों को उसको उठाना चाहिए था।
 " लेकिन हमारी कोई गलती नहीं थी। "दोनों एक साथ बोले।